khatu shyam ji temple

खाटू श्याम को कलियुग में पूजने का ये है सबसे बड़ा कारण, वजह जान आप भी निकल पड़ेंगे दर्शन करने

khatu shyam ji temple

हिन्दू धर्म में खाटू श्याम को कलियुग में श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है। आप इस Short Story के जरिए खाटू श्याम की कुछ दिलचस्प बातों के बारे में जानिए।

खाटूश्याम जी का बचपन में बर्बरीक नाम था और श्याम नाम उन्हें कृष्ण भगवान ने दिया था. कहा जाता है कि उनके बाल घुंघराले थे, इसी कारण उनका नाम बर्बरीक पड़ा. इसके अलावा, इन्हें श्याम बाबा, शीश के दानी, हारे का सहारा, खाटू नरेश आदि नामों से भी पुकारा जाता है.

Real Name of  khatu shyam 

श्री खाटू श्याम बाबा महाभारत काल में बर्बरीक के नाम से जाने जाते थे। वे भीम के पुत्र घटोत्कच और दैत्य मूर की पुत्री मोरवी के पुत्र हैं। बर्बरीक ने नव दुर्गा की घोर तपस्या करके उनसे तीन अमोघ बाण प्राप्त किये। इसलिए खाटू श्याम जी को तीन बाणधारी के नाम से भी जाना जाता है।

khatu shyam dham

बर्बरीक जब महाभारत का युद्ध देखने कुरुक्षेत्र गए तो कृष्ण ने इनका परिचय लेते हुए पूछा कि वह महाभारत के इस युद्ध में किस पक्ष का साथ देगा। तब बर्बरीक ने कहा कि जो हारने वाला पक्ष होगा वह उसी का साथ देगा। इस बारे में उन्होंने बताया कि यहाँ आने से पूर्व उनकी मां ने उनसे वचन लिया था कि वे हारे हुए पक्ष का साथ देंगे। श्री कृष्ण अच्छी तरह से जानते थे कि महाभारत के युद्ध में कौरवों की हार निश्चित है। और अगर बर्बरीक कौरवों के पक्ष में युद्ध करते हैं, तो वह कुछ ही पलों में युद्ध के परिणाम पलट कर रख देंगे। साथ उनकी माँ के वचनानुसार यह युद्ध कभी खत्म नहीं होगा।

चूँकि श्री कृष्ण सर्वज्ञता थे तो वह बर्बरीक की शक्ति और उनके कौशल से भलीभांति परिचित थे। इसलिए उन्होंने महाभारत का उचित परिणाम निकल सके, उसके लिए श्री कृष्ण ने बर्बरीक से दान की अभिलाषा व्यक्त की। बर्बरीक ने श्री कृष्ण को वचन दिया कि वे दान में जो भी मांगेंगे वह उसे पूरा करेगा। इस पर श्री कृष्ण ने उनके शीश का दान उनसे मांगा। चूँकि बर्बरीक श्री कृष्ण को वचन दे चुके थे, इसलिए वे अपने शीश का दान देने के लिए तैयार हो गए। बर्बरीक को इसी कारण से शीश के दानी के नाम से जाना जाता है।

shyam kund khatu

प्राचीन पुराणों के अनुसार जिस जगह पर खाटू श्याम जी का शीश अवतरित हुआ था, उस स्थान को वर्तमान में श्याम कुंड के नाम से संबोधित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी इस कुंड में स्नान करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। श्याम कुंड में स्नान करने के लिए पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।

Khatu Shyam Mela

हर साल फाल्गुन माह में होली के कुछ दिनों पहले फरवरी -मार्च में यहां खाटू श्याम जी का भव्य मेला आयोजित होता है, जिसमें देश-विदेश से बाबा के भक्त उनके दर्शन के लिए आते हैं। फाल्गुन मेला खाटू श्याम जी का मुख्य मेला है। यह मेला 5 दिनों के लिए लगाया जाता है जिसमे भक्त श्याम बाबा के साथ होली का त्यौहार मानते हैं।

खाटू श्याम जी का मंदिर (Khatu Shyam Mandir) राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर से 80 किमी दूर खाटू गांव में स्थित है. यहां पहुंचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन रिंगस है. जहां से बाबा के मंदिर की दूरी 18.5 किमी है. रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद आपको मंदिर के लिए टैक्सी और जीप ले सकते हैं. अगर आप फ्लाइट से जा रहे हैं, तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है. यहां से मंदिर की दूरी 95 किमी है. अगर आप दिल्ली से बाय रोड खाटू श्याम मंदिर जा रहे हैं, तो आपको पहुंचने में करीबन 4 से 5 घंटे का समय लगेगा.